जब बागेश्वर वाले बाबा की फोन पर रावण से हुई बात ! तो सुनिए उन्होंने क्या बोला

पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों जमकर सुर्खियां बंटोर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका हर दूसरा वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। आज हम आपको उनके एक ऐसे ही वीडियो के बारे में बता रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में बागेश्वर वाले बाबा अपने भक्तों से कहते हैं कि उनकी रावण से फोन कॉल पर बात हुई। आइए आपको बताते हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भक्तों को क्या किस्सा सुनाया।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री वीडियो में अपने भक्तों से कहते हैं- एक बार हमारी रावण से बात हुई फोन कॉल पर, अब ये मत पूछना कि नंबर क्या था। हमने कहा, क्यों दशानन जी, मॉय डियर कैसे हो। उन्होंने कहा- हैलो, बागेश्वर वाले बोल रहो हो। हमने कहा- जी, कैसे हो।

बागेश्वर बाबा आगे कहते हैं कि हमने बुंदेली में बात करी। रावण ने भी हमसे बुंदेली में बात की। हम तो ठीक हैं भइया। हद तो जा होगी कि साउंड मैं फटर-फटर होगौ। हमने कहा- भाई साहब दस ही मुंह से बोल रहे हो क्या? बोला- हां। हमने कहा- नौ लॉक करो, एक मुंह से बोलो। अब रहा होगा कोई दस में से एक। फिर एक मुंह से बात हुई रावण से।

उन्होंने आगे कहा कि हमने पूछा तुमने राम जी दुश्मनी क्यों की। तुमने जानकी का हरण क्यों किया। तुम्हें शर्म नहीं आती अपने मन से। ब्राह्मणों की नाक कटा रहे हो, हर बार इसी लिए तो तुम जलते हो। अगर तुम रामजी से दुश्मनी न करते तो भला क्यों जलाया जाता तुम्हें। हमने कहा उसको तुम अपने भाई से सीखते- विभीषण से। विभीषण रामजी के चरणों में चला गया, तू चला जाता। क्या बिगड़ता तेरा।

बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि रावण ने बड़ा सुंदर जवाब दिया, जरा सुनना। रावण हमसे बोल रहा था- बागेश्वर वाले, मैं क्या बताऊं। रावण बुंदेली भाषा में बोला, रावण कहता है कि विभीषण तो पागल था। अगर हम रामजी के पक्ष में जाते तो रामजी के बगल में अथवा पीछे खड़ा होना पड़ता। हम रामजी के विपक्ष में गए। उनके सामने खड़ा होना पड़ा। जो विभीषण को दर्शन का आनंद नहीं मिला, वो दर्शन का आनंद प्राप्त हुआ। इसलिए रावण कहता हमने दुश्मनी ली। अब ये मत कहना कॉल डिटेल दिखाओ। दिखा नहीं सकते, पर बात हुई, दस मुंह से हुई। दशानन से।

क्या सच्ची है घटना?
गुरुवार (19 जनवरी 2023) को पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जब एक एंकर ने अपने शो पर उन्हें उनकी ही यह क्लिप दिखाई तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह विनोद का विषय है। ये भक्तों को समझाने का एक तरीका है। यह मस्ती मजाक का एक विषय है। यह विनोद है। मस्ती मजाक के लिए कोई सॉरी नहीं बोलता है। आप सार की बात सुनिए।

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